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Monday 6 January 2014

Slap to modern lifestyle

Just like a paragraph that we studied in our school days. At that time it was like a couple of words but now after studyng you people will also get a lesson from these lines.

मेरे बाग़ में वो नीम का पेड़
अब मुझे कुछ मीठा सा लगता है
मैंने पुछा उस से, कौतुहलवश,
मैं था जब बचपन में
रोज़ शाम तेरी पत्तियां तोड़,
मैं चखता था,
और कहता था तू कितना कडवा है,
फिर कैसे तू कुछ सालों में
इतना मीठा हो गया?
पेड़ ने बड़ी नम्रता से कहा,
मुझे भी अच्छा लगता था
जब तू मेरी पत्तियां तोडा करता था
और बड़ी हीनता से मुझे कडवा कहता था,
मैं तो था ही कडवा, कडवा अब भी हूँ
पर शायद उम्र के साथ
तू मुझसे भी कडवा हो चला |
मैं चुप था |
मेरे बाग़ में वो नीम का पेड़
अब मुझे कुछ मीठा सा लगता है |

If you get any message please share your thought in the comment box.

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