कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया ह !
ै
मगरूर हमें कहती है तो कहती रहे दुनिया,
हम मुड़ कर पीछे किसी को देखा नहीं करते !
वो ज़हर देकर मारते तो दुनिया की नज़रों में आ जाते,
अंदाज़ ए क़त्ल तो देखो मोहब्बत करके छोड़ diya.
मेरी वफ़ा क़ो मेरे हालात के ताराजू में मत तोल ऐ दोस्त,
मैने वो जख्म भी खाऐ है जो कभी मेरे क़िस्मत में नही थे.
बड़े सुकून से वो रहता है आज कल मेरे बिना,
जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे !
किसे मालूम था इश्क इस क़दर लाचार करता है,
दिल उसे जानता है बेवफा मगर प्यार करता ह!
आशिकों ने ही दिया है तुझको ये मुकाम गज़ब का,
वरना ऐ इश्क तेरी दो कौड़ी की औकात नही !
कोशिश बहुत की राज़-ए-मुहब्बत बयाँ न हो,
मुमकिन कहाँ था की आग लगे और धुँआ न हो !
अच्छा करते हैं वो लोग जो मोहब्बत का इज़हार नहीं करते,ख़ामोशी से मर जाते हैं मगर किसी को बदनाम नहीं करत !
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं है,
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए. !
किसे सुनाएँ अपने गम के चन्द पन्नो के किस्से,
यहाँ तो हर शक्स भरी किताब लिए बैठा है.!
अजीब अँधेरा है साकी तेरी महफ़िल में,
हमने दिल भी जलाया तो भी रौशनी न हुई.!
sab rogon ki ek dawai , hasna sikho mere bhai.
हमने वजूद अपना खो दिया,
उनका वजूद अपने साथ जोड़ते जोड़ते।
मगरूर हमें कहती है तो कहती रहे दुनिया,
हम मुड़ कर पीछे किसी को देखा नहीं करते.!
वैसे ही दिन, वैसी ही रातें, वैसा ही फ़साना लगता है..
अभी दूसरा दिन बिता नही, ये साल अभी से पुराना लगता है..!
मैं खुल के हँस तो रहा हूँ फ़क़ीर होते हुए,
वो मुस्कुरा भी न पाया अमीर होते हुए.!
मैं लोगों से मुलाकातों का लम्हा याद रखता हूँ,
बातें भूल भी जाऊँ पर लहजा याद रखता हूँ.!
आवारगी छोड़ दी तो लोग हमे भूलने लगे,
वर्ना शोहरत कदम चूमा करती थी जब हम बदनाम थे!
सीख ली अदा जिसने
गम में भी मुस्कुराने की ;
उसे क्या खाक मिटा सकेगी
ये गर्दिशें ज़माने की!
हर किसी के हाथ बिक जाने को तैयार नहीं,
ये मेरा दिल है तेरे शहर का अखबार नही !
जब छोटे थे हम ज़ोर से रोते थे,
जो पसंद था उसे पाने के लिए;
आज बड़े हो गए तो चुपके से रोते हैं;
जो पसंद है उसे भुलाने के लिये!
मुझसे आज भी,
तेरे नाम की शर्तें लगाई जाती हैं,
और लिहाज मे,
आज भी हार जाता हूँ...!
Maene Uss Se Kaha,
Chor Do Ya Todh Do Mujhe,
Us Ne Hans Ke Mujhe Gale Lagaya Aur Kaha, Chor Rahi Hun Aaj Tumhe Toot Tum Khud Jaoge !
No comments:
Post a Comment